न भूलने के लिए न भूलिये मैग्नीशियम खाना

 

 

न भूलिये मैग्नीशियम खाना 

मेग्‍नीशियम हमारी सेहत के लिए बेहद आवश्‍यक मिनरल है। असल में हमारे शरीर को स्‍वस्‍थ रखने और इसके सिस्‍टम के सही संचालन के लिए सभी विटामिंस-प्रोटीन व मिनरल आद‍ि पोषक तत्वों और खनिजों का संतुलन अहम है। ये सभी चीजें हमारे शरीर को नियमित रूप से मिलती रहें यह भी जरूरी है। दरअसल खनिजों की कमी का असर बॉडी की तरह ब्रेन पर भी पड़ता है। लेकिन कुछ खनिज तो अकसर कम पड़ ही जाते हैं जिनमें मेग्‍नीशियम भी शामिल है। आप अकसर चीजें भूल जाते हैं। पढ़ाई या काम पर ध्‍यान केंद्रित नहीं कर पाते तो मेग्‍नीशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं। हाल ही के कई शोधों में भी मैग्नीशियम की बहुलता वाले खाद्य पदार्थों को खाने और मस्तिष्क की सेहत के बीच मजबूत संबंध सामने आया है। लेकिन सच्‍चाई यह है कि बड़ी तादाद में लोग खानपान में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम से वंचित ही रहते हैं। विशेषज्ञों की राय के मुताबिक, प्रतिदिन विभिन्‍न प्रकार के आहार से 310 मिलीग्राम से लेकर 420 मिलीग्राम तक मानव शरीर को मैग्‍नीशियम की मात्रा प्राप्‍त हो जाये तो इस तत्‍व की कमी नहीं रहेगी। बता दें कि यह मात्रा आयु के अनुसार अलगअलग हो सकती है। लेकिन इतने नाप-तोल के फेर में न पड़कर कुछ मेग्‍नीशियम प्रधान खाद्य पदार्थ व पेय का सेवन किया जाये तो आपमें इस मिनरल की कमी नहीं ही रहेगी। रोजमर्रा में खायी जा सकने वाली कुछ आसान व हेल्‍दी सी डाइट अपनाकर भी आप मेग्‍नीशियम जैसे मिनरल्‍स की आपूर्ति कर सकते हैं।

शोध में उच्च मैग्नीशियम के फायदे

द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) में न्यूरोइमेजिंग और ब्रेन लैब के एक हालिया शोध के निष्‍कर्षों के अनुसार, दैनिक आहार में उच्च मैग्नीशियम का सेवन लोगों की उम्र के अनुसार बेहतर मस्तिष्क स्वास्थ्य की ओर ले जाता है। यह अध्‍ययन ब्रिटेन के सेटअप में 4100 लोगों पर हुआ। अध्ययन से पता चला है कि मैग्नीशियम की मात्रा करीब 40 फीसदी बढ़ाने पर आयु आधारित ब्रेन की सिकुड़न कम हुई। बचपन से ही मैग्नीशियम का सेवन पर्याप्‍त किया जाये तो उम्र के साथ कम होने वाली याद़दाश्‍त की दर कम रहती है। वहीं डाइमेंशिया का जोखिम कम हो जाता है। अध्ययन के निष्कर्षों के मुताबिक, मैग्नीशियम के इफेक्‍ट विशेष रूप से महिलाओं में मिनोपॉज के बाद की दशा में अहम थे।

 

शरीर में मैग्नीशियम की भूमिका

मैग्नीशियम हमारी बॉडी की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं  के लिए आवश्यक है, जिसमें बीपी को रेगुलेट करना, स्नायु  और मांसपेशियों के कार्य में मदद और अस्थियों की मजबूती शामिल है। भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अनुसार, लगभग 50 प्रतिशत आबादी को अपने आहार से मैग्नीशियम की तय यानी सिफारिशों के अनुरूप दैनिक मात्रा नहीं मिलती है।   उच्च जोखिम युक्‍त समूहों मसलन बुजुर्गों, गंभीर व लंबे लाइलाज रोगों से ग्रस्‍त लोगों और टाइप 2 मधुमेह रोगियों में मैग्नीशियम की कमी हो जाना आम बात है।

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण महसूस होंं तो लें डॉक्टरी परामर्श

यदि आपको कभी महसूस हो कि आप मैग्नीशियम की कमी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टरी परामर्श लेना बेहतर रहता है। भूख कम लगे, जी मितलाए, थकावट हो या कमजोरी महसूस हो या फि‍र अंग सुन्‍न हो जाने, मसल्‍स में ऐंठन जैसे लक्षण मैग्नीशियम की कमी के हो सकते हैं। गंभीर लक्षणों में हृदय की असामान्‍य धड़कन व धमनी में खिंचाव सा महसूस होना है। वहीं हाई ब्‍लड प्रेशर व शूगर रोग भी मैग्‍नीशियम की कमी के चलते हो सकते हैं। वे आपकी सेहत की दशा आपसे जानकर व जांच आद‍ि  के बाद उपयुक्‍त सलाह दे सकते हैं।

चिकित्‍सक किसी दवाई से पूर्व अकसर आम भोजन व खास खुराक के जरिये मैग्नीशियम की आपूर्ति  बढ़ाने की सलाह देते हैं। मैग्नीशियम पत्तेदार हरी सब्जियों जैसे पालक, नट्स, बीज, बींस और अनाज में पाया जाता है। कई मिलेट़स भी मैग्नीशियम के अच्‍छे स्रोत हैं।  तो जानिये अपने शरीर में मेग्‍नीशियम की मात्रा बढ़ाने के कुछ चुनींदा उपाय –

 

मेग्‍नीशियम की मात्रा बढ़ाने के उपाय

* पालक यदि उबालकर खाया जाये तो इसके आधे कप से करीब 75 mg मैग्नीशियम मिलता है। यदि आप मैग्नीशियम की कमी महसूस करें तो पालक आदि हरी पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन ज्‍यादा मात्रा में करना शुरू कर दें।

* सुबह नाश्ते में ब्रेड खायें तो पीस से ही कम से कम 40 मिलीग्राम मैग्नीशियम मिल जाता है।

* मैग्नीशियम मेवों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बादाम विटामिन, प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत है। करीब 30 ग्राम रोस्टेड बादाम से रोजाना की जरूरत का मैग्नीशियम प्राप्त हो जाता है। इतनी ही मात्रा में रोस्‍टेड काजू का भी सेवन पर्याप्‍त है। स्नैक्स के रूप में इन नट्स को खाया जा स‍कता है। वहीं मिनरल्‍स के मामले में सस्‍ती मूंगफली भी किसी महंगे मेवे से कम नहीं। करीब एक मुठ्ठी मूंगफली का सेवन करके भी आप दिनभर के लिए जरूरी मैग्नीशियम की मात्रा ग्रहण कर सकते हैं।

* मैग्नीशियम के मामले में दालों को भी कम नहीं आंकना चाहिये। मिसाल के तौर पर काले सेम व लीमा बींस को ही लें जिनमें खूब मैग्नीशियम पाया जाता है।

* खरबूजे व तरबूज के बीजों से भी मैग्नीशियम की जरूरत पूरी हो सकती है।

* सोया मिल्क से मैग्नीशियम की प्रतिदिन की आवश्यक मात्रा आसानी मिल जाती है। एक कप सोया मिल्क में करीब 60 मिलीग्राम मैग्नीशियम खनिज प्राप्‍त हो जाता है।

* फल भी मैग्नीशियम के धनी स्रोत हैं। इनमें एवोकैडो फ्रूट, केला व पपीता भी शामिल है।

* चॉकलेट का सेवन भी आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी पूरी करने में मददगार सिद्ध हो सकता है।

* मैग्नीशियम ब्राउन राइस में भी भरपूर मात्रा में मिल जाता है।

* मिनरल वॉटर व नल का जल भी मैग्नीशियम का बेहतर स्रोत है। हररोज 2 लीटर पर्याप्‍त है। पानी जितना भारी हो उतना बेहतर है।

* सी फ़ूड जैसे कुछ मछलियों का सेवन मैग्नीशियम मैग्‍नीशियम की आवश्‍यक मात्रा प्रदान करने में सक्षम है। पकी हुई सैलमन मछली में करीब 25 मिलीग्राम  मैग्नीशियम होता है।

 * चिकन यूं तो प्रोटीन की प्रधानता वाला मांसाहार है साथ ही मैग्नीशियम का भी बेहतर स्रोत है।

उपर्युक्‍त आहार मैग्‍नीशियम खनिज की पर्याप्‍त मात्रा की शरीर को आपूर्ति कर देते हैं। हां, इस दौरान ज्‍यादा मात्रा में कॉफी व अलकोहल आद‍ि का सेवन न किया जाये। प्राकृतिक आहार से भी यदि मैग्‍नीशियम की कमी पूरी न हो तो डॉक्‍टर के परामर्श पर सप्‍लीमेंट़स लिये जा सकते हैं। आपके शरीर व मस्‍तिष्‍क दोनों का स्‍वास्‍थ्‍य व  कार्यक्षमता में सुधार करने में मैग्‍नीशियम निश्‍चित तौर पर मददगार साबित हो सकता है।

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