नवरात्रि : कंजक के पैर धोने क्यों जरूरी/Foot Washing in hindi

Foot washing: नवरात्रि पर कंजक के पैर धोने की परंपरा

नवरात्रि के दौरान 9 दिन में देवी के विभिन्न रूपों की आराधना की जाएगी. फिर आठवीं और नवमी तिथि को कन्याओं का पूजन किया जाएगा .इस पूजन की शुरुआत कन्याओं को निमंत्रण से शुरू होती है .उसके बाद नन्ही बिटियाओं के घर पधारने पर उन के पैर धोने होते हैं .तत्पश्चात श्रद्धा अनुसार भोजन फल आदि से नन्ही देवियों को संतुष्ट किया जाता है . यही नहीं एक लंगूरा भी साथ होता है .बाद में सबको यथा योग्य दक्षिणा और कोई गिफ्ट दिया जाता है इसी प्रकार से श्राद्ध के मौके पर ब्राह्मणों के पैर धोने के बाद  उन्हें भोजन कराया जाता है.

पैर धोने की रीत भारत या हिंदुओं तक ही नहीं/beyond India and Hindus

यह पैर धोने की परंपरा केवल हिंदुओं या भारत के धार्मिक आयोजनों तक ही सीमित नहीं है. ना ही यह ब्राह्मणों या कन्याओं के पैर पहुंचने तक सीमित है. बल्कि पैर तो  अतिथि  विद्वान  या फिर  किसी भी सम्माननीय  अथवा श्रद्धा के पात्र व्यक्ति के धोए जा सकते हैं . ज्ञात रहे कि इस परंपरा की जड़ें वैदिक काल तक है. इसके अलावा  यह पैर धोने की परंपरा विश्वव्यापी है. त्रेता युग में भी राम के पैर पखारे गए. बिल्कुल इसी तरह द्वापर में श्री कृष्ण पांडवों के राजसूय यज्ञ में आए अतिथियों की सेवा पांव धोकर करने का जिम्मा लिया था .

 पैर धोने की परंपरा दूसरे धर्मों में भी/other religions also follow

इसी प्रकार ईसाई धर्म  के पैगंबर ईसा मसीह ने भी अपनी क्रूसीफिकेशन से पूर्व दिए गए भोज में आए अतिथियों के पैर धोए थे. परिणाम स्वरूप ईसाई धर्म मे ईस्टर के मौके पर पैैर धोने का रिवाज है .मुस्लिम धर्म में भी प्राचीन काल में घर आए अतिथियों के पैर पखारे जाने का विधान था

किसके पैर धोने चाहिए/whom to give foot washing

जब कोई अतिथि या परिवार का कोई बड़ा सदस्य बाहर से आए. थका हो या फिर परंपरा निभाते हुए ,पैर पखारे जाने चाहिए. इसी प्रकार विद्वान या ब्राह्मण के पैर भी धोए जा सकते हैं .किसी धार्मिक कार्यक्रम में कन्याओं के पैर पखारे जाने का विधान  तो भारतीय संस्कार में  शामिल है ही. घर में  नववधू का आगमन  पहली बार होता है तो पैर धोने के पश्चात ही उसके घर में एंट्री होती है. इसी तरह मानव से भी आगे जाकर कुछ लोग गौ माता की सेवा पैर धोने के जरिए करते हैं.

पैर धोने के फायदे/benefits of foot washing

पैर धोने बहुत फायदेमंद है. रात को सोने से पहले पढ़ने से पहले या फिर पूजा करने से पहले खुद के भी पैर धो सकते हैं. जब परिवार का कोई बड़ा सदस्य घर में आए तो दरवाजे पर पैर होते हैं. साथ में दबा भी दें तो बहुत फायदा होता है. थकान मिट जाती है. सोने से पहले पैर धोए तो बुरे सपने नहीं आते. गहरी नींद आती है. घर में आते ही पैर धोए जाए तो बाहर की गंदगी  वह जीवाणु कीटाणु आदि साथ घर नहीं जाते. और पैर दोनों सम्मान और सेवा का प्रतीक तो है ही.

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